मैं जानता हूँ कि मुश्किल है
मगर मैं अपना रास्ता निकाल लूँगा
हाँ कीमत तो चुकानी पड़ती ही है
मगर मैं सड़क किनारे चावल उबाल लूंगा
डर लगना कोई नई बात नहीं
मगर मैं डगमगाती चिराग की लौ संभाल लूँगा
इस घड़ी की रफ़्तार मेरे ख्यालों से धीमी है
सुबह होने से पहले ही
मैं सपनों को कर गुलाल लूँगा
तुम फिक्र मत करो, चाहे रोज़ नहीं
मगर मैं तुम्हारे लिए वक़्त निकाल लूँगा
मंज़िल का तो पता नहीं
मगर जहाँ तक भी पहुँचूँगा
सफ़र को कहानी में ढाल लूँगा
मगर मैं अपना रास्ता निकाल लूँगा
हाँ कीमत तो चुकानी पड़ती ही है
मगर मैं सड़क किनारे चावल उबाल लूंगा
डर लगना कोई नई बात नहीं
मगर मैं डगमगाती चिराग की लौ संभाल लूँगा
इस घड़ी की रफ़्तार मेरे ख्यालों से धीमी है
सुबह होने से पहले ही
मैं सपनों को कर गुलाल लूँगा
तुम फिक्र मत करो, चाहे रोज़ नहीं
मगर मैं तुम्हारे लिए वक़्त निकाल लूँगा
मंज़िल का तो पता नहीं
मगर जहाँ तक भी पहुँचूँगा
सफ़र को कहानी में ढाल लूँगा
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