Monday, 26 June 2017

मन करता है
ज़िन्दगी में इक साथ हो
मन करता है
पकड़ने को इक हाथ हो
देखूं जब भी आँखों में
बस, कही खो जाऊं
सामने आते ही उसके
कुछ खवाबो को बो जाऊं
पास जब आए वो मेरे
इक अजब सा एहसास हो
कोई तो हो ज़िन्दगी में
जो बस सबसे खास हो
मन करता है
मन करता है

बाहों में समाले वो जब
भूल जाऊं अज़ाब सारे
जीभर जी लूं इस पल को
सच हो जाएं ख्वाब सारे
लड़खड़ाऊं जब भी कभी
थाम ले इक हाथ हो
उसके कदमों में कायनात सारी
कुछ ऐसे जज़्बात हो
जब ना हो वो सामने
हर लम्हा ही उदास हो
कोई तो हो ज़िन्दगी में
जो बस सबसे खास हो
मन करता है
मन करता है

मेरे लिए जीए वो
मैं उसके लिए जीता रहो
जब हो कभी हम बाहों में
ना वो कुछ कहे न, ना मैं कुछ कहूँ
बातें करें हम नज़रों से
लफ़्ज़ों का ना कोई काम हो
पलकों की आहट में लिपटा
इक प्यारा सा पैगाम हो
जब फासला हो कदमों में
इक अनकही सी प्यास हो
कोई तो हो ज़िन्दगी में
जो बस सबसे खास हो
मन करता है
मन करता है

तुझसे बात करूं
सारी रात करू
कभी ऐसा मौका मैं  पाऊं
तेरे दिल में सांसो की रेत का
इक छोटा सा घर बनाऊं

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